2025 में बिना इन्वेस्टमेंट “Automist Call Text Back” बिज़नेस कैसे सेटअप करें

 

2025 में बिना इन्वेस्टमेंट “Automist Call Text Back” बिज़नेस कैसे सेटअप करें 

ऑनलाइन कमाई तब सबसे तेज़ होती है जब आप किसी असली तकलीफ़ का सीधा इलाज दें। इंडिया में छोटे बिज़नेस की सबसे बड़ी तकलीफ़ मिस्ड कॉल्स हैं। काम करते-करते फ़ोन बजता है, कोई उठाने वाला नहीं होता, ग्राहक आगे बढ़ जाता है और पैसे बाल्टी के नीचे लगे छेद से टपकते रहते हैं। “Automist Call Text Back” उस छेद पर टेप लगाने जैसा है—कॉल मिस होते ही ग्राहक को तुरन्त SMS/WhatsApp मैसेज चला जाता है, बातचीत शुरू होती है, और वही बातचीत अपॉइंटमेंट बन जाती है। अब इसे ऐसे सेटअप करेंगे जैसे किसी बच्चे को साइकिल चलाना सिखा रहे हों—धीरे, साफ़ और step-by-step, मगर paragraphs में ही।

यह सिस्टम करता क्या है, एक लाइन में

किसी भी बिज़नेस नंबर पर कॉल मिस होते ही उसी नंबर पर ऑटोमैटिक मैसेज चला जाता है—“नमस्ते, आपका कॉल मिस हो गया। हम अभी एक कस्टमर के साथ हैं, बताइए कैसे मदद कर सकते हैं?” ग्राहक जवाब देता है, चैट बनती है, समय तय होता है, बुकिंग हो जाती है। मालिक व्यस्त रहे तब भी लीड नहीं भागती।

ज़रूरी चीज़ें क्या होंगी

आपको एक लैपटॉप या फ़ोन, इंटरनेट, एक ऑटोमेशन प्लेटफ़ॉर्म/CRM (जिसमें कॉल और SMS/WhatsApp दोनों जोड़ सकें), एक क्लाउड फ़ोन नंबर या IVR (इंडिया में Exotel, Twilio, MyOperator, Knowlarity जैसी सर्विसेज़ से मिलता है), और मैसेज भेजने के लिए SMS या WhatsApp प्रदाता की ज़रूरत होगी। अगर आप “ऑल-इन-वन” प्लेटफ़ॉर्म लेते हैं तो यही सब उसी में बना-बनाया मिलता है और काम और आसान हो जाता है।

अकाउंट बनाना और लॉगिन करना कैसे होता है

सबसे पहले अपने चुने हुए ऑटोमेशन प्लेटफ़ॉर्म की वेबसाइट खोलिए, “Start Free Trial” या “Create Account” दिखाई देगा, उस पर क्लिक कीजिए, ईमेल और एक मज़बूत पासवर्ड डालिए, जो OTP आए उसे वेरिफ़ाई कीजिए, और अंदर पहुँच जाइए। पहली स्क्रीन पर अक्सर आपसे ब्रांड/एजेंसी का नाम पूछा जाता है, अपना नाम लिखिए, फिर हर क्लाइंट के लिए एक अलग “सब-अकाउंट” बनाइए ताकि सबका डेटा अलग-अलग सुरक्षित रहे। कल को दस क्लाइंट हो जाएँ तो भी सबकुछ साफ़-सुथरा रहेगा।

फ़ोन नंबर जोड़ना और मिस्ड-कॉल पहचानना

अब सेटिंग्स में जाइए और “Phone” या “Telephony” जैसा सेक्शन खोलिए। ऑल-इन-वन प्लेटफ़ॉर्म में वहीँ “Buy Number” या “Connect Provider” का विकल्प दिखेगा। अगर आपके पास पहले से क्लाइंट का क्लाउड नंबर है तो “Connect Existing” चुनिए और प्रदाता के अकाउंट से लॉगिन करके कनेक्शन दे दीजिए। अगर नंबर नहीं है तो एक नया वर्चुअल नंबर खरीदिए, STD कोड वही चुनिए जो शहर में काम चलता है ताकि लोकल भरोसा बने। इसके बाद कॉल-इवेंट्स (कौन-सी कॉल मिस हुई, कौन-सी उठी) प्लेटफ़ॉर्म तक पहुँचने लगेंगे और सिस्टम समझ पाएगा कि किसे मैसेज भेजना है।

SMS/WhatsApp को जोड़ना ताकि मैसेज जा सके

सेटिंग्स में “Messaging” या “WhatsApp/SMS” जैसा सेक्शन होगा। इंडिया में SMS भेजने के लिए अक्सर DLT रजिस्ट्रेशन की ज़रूरत होती है, इसलिए या तो ऐसा प्रदाता चुनिए जो आपको अपने रूट पर “सर्विस इम्प्लिसिट/ट्रांज़ैक्शनल” कैटेगरी में जोड़ दे, या WhatsApp Business API पार्टनर जोड़ लीजिए ताकि DND पर भी सर्विस मैसेज डिले न हों। स्क्रीन पर “Connect” पर क्लिक कीजिए, प्रदाता के अकाउंट से लॉगिन करिए, और “Sender” चुनिए—SMS के लिए अल्फ़ान्यूमेरिक Sender ID या WhatsApp के लिए Verified बिज़नेस नाम। अब आपका प्लेटफ़ॉर्म मैसेज भेजने के लिए तैयार है।

मिस्ड-कॉल टेक्स्ट-बैक को ऑन करना और मैसेज लिखना

डैशबोर्ड में “Automation” या “Triggers/Workflows” जैसा बटन मिलेगा। वहाँ “Missed Call Text Back” का प्रीमेड टेम्पलेट अक्सर मौजूद होता है। उसे खोलिए और शर्त ऐसी रखिए कि “जब कॉल मिस हो और कॉलर नया हो तो मैसेज भेजो, अगर पुराना है तो भी भेजो लेकिन दो घंटे के भीतर दूसरी बार मैसेज न भेजो” ताकि स्पैम न लगे। अब मैसेज को भारतीय ऑडियंस के हिसाब से साधी भाषा में लिखिए। एक प्यारा-सा पहला मैसेज कुछ ऐसा हो सकता है—“नमस्ते, आपका कॉल अभी मिस हो गया। हम ग्राहक के साथ हैं, क्या आप अपनी problem एक लाइन में लिख देंगे? हम तुरंत जवाब देंगे।” डॉक्टर, सैलून, जिम जैसे अलग-अलग पेशों के लिए मैसेज में एक-दो शब्द बदल दीजिए ताकि सबको लगे कि ये खास उनके लिए लिखा है। चाहें तो नीचे बुकिंग लिंक जोड़ दीजिए—“यहीं अपॉइंटमेंट बुक करना चाहें तो यह लिंक खोलें।”

बिज़नेस आवर्स, आफ्टर-आवर्स और छुट्टियों का नियम

ऑटोमेशन में एक छोटा-सा दिमाग लगाइए। दिन में 9 से 8 के बीच मिस्ड कॉल आए तो सामान्य मैसेज भेजिए, रात में 8 के बाद आए तो बेहद सौम्य “Good evening” वाला मैसेज भेजिए और सुबह 9 बजे एक नरम सा रिमाइंडर भी लगा दीजिए—“कल रात आपका मैसेज मिला था, क्या हम अभी कॉल कर लें?” छुट्टी वाले दिन के लिए एक अलग लाइन रखिए—“आज हमारा ऑफ़-डे है, कल सुबह 10 बजे सबसे पहले आपसे बात करेंगे।” यह छोटी-छोटी बातें भरोसा बढ़ाती हैं।

फॉलो-अप सीक्वेंस ताकि बात रुके नहीं

कई बार ग्राहक पहला मैसेज पढ़कर भी जवाब नहीं देता। ऐसे में ऑटोमेशन में हल्की-सी फॉलो-अप सीक्वेंस रखिए—पहला मैसेज तुरन्त, तीसरे घंटे एक नरम-सा “क्या हम मदद कर सकते हैं” पूछना, और अगले दिन एक छोटा-सा “कल आपका कॉल मिस हुआ था, क्या आपकी समस्या हल हो गई?” वाला मैसेज। हर मैसेज में “STOP लिखकर बताइए, तो हम मैसेज बंद कर देंगे” ज़रूर जोड़िए ताकि कंप्लायंस बना रहे और व्यक्ति को कंट्रोल महसूस हो।

कैलेंडर, पेमेंट और पाइपलाइन जोड़ना

अगर क्लाइंट के पास पहले से बुकिंग लिंक है तो उसे मैसेज में जोड़ दीजिए। अगर नहीं है तो प्लेटफ़ॉर्म का इन-बिल्ट कैलेंडर ऑन कर दीजिए, टाइम स्लॉट सेट करिए, Google Calendar सिंक कर दीजिए ताकि डबल-बुकिंग न हो। चाहें तो एक छोटा एडवांस पेमेंट लिंक भी जोड़िए—यही वह जगह है जहाँ मिस्ड कॉल सीधा “बुकिंग + एडवांस” में बदल जाती है। डैशबोर्ड में “Leads” या “Pipeline” सेक्शन में तीन स्टेज बना दीजिए—“Missed Call”, “Replied”, “Booked/Closed”—ताकि रोज़ देख सकें कि कितनी लीड्स किस स्टेज पर हैं।

लाइव करने से पहले टेस्ट करना

अब अपनी ही मोबाइल से उस नंबर पर कॉल करिए, जानबूझकर मिस कर दीजिए, देखिए मैसेज कितनी जल्दी आया। एक लाइन में जवाब लिखिए, देखें बॉट ठीक से पढ़ पा रहा है या नहीं, बुकिंग लिंक खुल रहा है या नहीं, कैलेंडर में स्लॉट ब्लॉक हो रहा है या नहीं। अगर सब ठीक है तो क्लाइंट के दो-तीन जानकारों से भी यही टेस्ट कराइए ताकि अलग-अलग नेटवर्क पर भी पक्का भरोसा बन जाए।

इंडिया में क्या-क्या ध्यान रखना है

DND पर प्रमोशनल SMS नहीं भेजे जा सकते, इसलिए कोशिश कीजिए कि आपका रूट “सर्विस/ट्रांज़ैक्शनल” हो, क्योंकि ग्राहक ने अभी-अभी कॉल किया है और आप उसी इंटरेक्शन का जवाब दे रहे हैं। रात देर में मैसेज का टोन बहुत विनम्र रखिए और चाहें तो केवल WhatsApp पर आफ्टर-आवर्स रिप्लाई रखें। हिंदी/हिंग्लिश में लिखिए, छोटे वाक्य रखिए, और कॉल-बैक का ऑप्शन हर मैसेज में छोड़िए—“अगर चाहें तो हम अभी कॉल कर सकते हैं, बस ‘CALL’ लिखकर भेज दें।”

क्लाइंट ऑनबोर्ड कैसे होगा और आप कमाई कैसे करेंगे

सबसे पहले पाँच-दस मिनट की छोटी-सी कॉल में दर्द समझिए—दिन में औसतन कितनी कॉल मिलती हैं, कितनी उठती हैं, एक ग्राहक की औसत वैल्यू क्या है, और बुकिंग कैसे होती है। फिर उसी कॉल में लाइव डेमो दिखाइए—अपना फ़ोन लेकर उनके नंबर पर कॉल कीजिए, मैसेज दिखाईए, कैलेंडर से स्लॉट लॉक करिए। आख़िर में शान्त स्वर में फ़ीस बताइए—“मासिक सात हज़ार, पहले हफ़्ते में अगर आपके पाँच बुकिंग एक्स्ट्रा न आईं तो पैसे मत दीजिए”—इंडियन माइंडसेट गारंटी और वैल्यू देखता है, इसलिए रिस्क-रिवर्सल काम आता है। एक साधारण पेमेंट लिंक भेजिए, इनवॉइस मेल करिए, और उसी दिन सेटअप करके शाम को रिपोर्ट भेज दीजिए—आज कितनी मिस्ड कॉल पकड़ीं, कितनी कन्वर्सेशन बनीं, कितनी बुकिंग हुईं।

रोज़ का कामकाज कैसा रहेगा

सुबह डैशबोर्ड खोलिए, कल की मिस्ड कॉल्स और रिप्लाई रेट देखिए, जहाँ ग्राहक ने “CALL” लिखा है वहाँ टीम को कॉल-बैक की लिस्ट भेज दीजिए, बुकिंग्स कैलेंडर में सही बैठी हैं या नहीं यह जाँच लीजिए, और हर शाम क्लाइंट को तीन लाइन की व्हाट्सऐप रिपोर्ट दे दीजिए—“आज 18 मिस्ड कॉल में से 12 को जवाब गया, 5 ने बात बढ़ाई, 3 बुकिंग कन्फ़र्म।” यही पारदर्शिता लंबे रिश्ते बनाती है।

मेसेज टेम्पलेट जो इंडिया में बहुत काम आते हैं

सैलून के लिए आप लिख सकते हैं—“नमस्ते, आपका कॉल अभी मिस हो गया। हेयरकट/फेशियल के लिए कौन-सा टाइम पसंद करेंगे? यह रहा हमारा स्लॉट लिंक, चाहें तो हम अभी कॉल भी कर सकते हैं।” डेंटिस्ट के लिए—“नमस्ते, आपका कॉल मिस हो गया। क्या दर्द है या सिर्फ़ कंसल्टेशन? आप चाहें तो आज शाम 6-8 के बीच अपॉइंटमेंट मिल सकता है।” एसी/प्लंबर के लिए—“नमस्ते, कॉल मिस हो गया। प्रॉब्लम एक लाइन में लिख दें—कूलिंग कम है, पानी लीकेज, या नॉइज़? टेक्नीशियन टाइम कन्फ़र्म कर देंगे।”

रेवेन्यू, प्राइसिंग और रिटेंशन को आसान भाषा में समझिए

किसी सैलून की मिस्ड कॉल्स में से अगर हफ़्ते में सिर्फ़ तीन भी बुकिंग बन जाएँ और टिकट साइज़ 800 रुपये हो, तो महीने में लगभग दस हज़ार एक्स्ट्रा आना शुरू हो जाता है। ऐसे बिज़नेस के लिए सात-आठ हज़ार रुपये आपकी फ़ीस बहुत सहज लगती है, क्योंकि खर्च नहीं, रिटर्न लगता है। आप सेटअप एक बार करते हैं, वैल्यू हर महीने आती रहती है, इसलिए इनकम भी हर महीने आती रहती है। और इंडिया में छोटे बिज़नेस सिस्टम बदलना पसंद नहीं करते—जो चल रहा है उसे छेड़ते नहीं—यही वजह है कि ये मॉडल टिकाऊ है।

अगर ऑल-इन-वन टूल न लें तो DIY कैसे होगा

आप चाहें तो क्लाउड नंबर किसी भारतीय प्रदाता से लीजिए, उसे मिस्ड कॉल वेबहुक पर सेट करिए, मैसेज भेजने के लिए MSG91/Gupshup जैसा SMS/WhatsApp पार्टनर जोड़िए, और दोनों को Make/Zapier जैसे नो-कोड ऑटोमेशन से जोड़ दीजिए। फ्लो बड़ा सीधा रहेगा—कॉल मिस होते ही वेबहुक ट्रिगर होगा, उसी नंबर पर टेम्पलेट मैसेज जाएगा, ग्राहक का जवाब उसी थ्रेड में आएगा, और आप Google Sheet/CRM में स्टेटस बदलते जाएँगे। यह तरीका थोड़ा तकनीकी है, मगर खर्च कम आता है। शुरुआत में एक-दो क्लाइंट के लिए ऑल-इन-वन आसान रहता है, बाद में जब हाथ सधा लगे तो DIY से मार्जिन बढ़ाइए।

आख़िर में वही बात जो बिकती है—नतीजा

क्लाइंट को हर हफ़्ते छोटी-सी रिपोर्ट भेजिए—कितनी मिस्ड कॉल पकड़ीं, कितनी बातचीत बनी, कितनी बुकिंग हुई, और अनुमानित रेवेन्यू कितना रिकवर हुआ। यही चार लाइनें उन्हें याद दिलाती हैं कि आपका सिस्टम उनके पैसे बचा रहा है और नए पैसे ला भी रहा है। यही “Recurring Value = Recurring Income” का असली फ़ॉर्मूला है।

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